उनका तर्क है सूचना संजाल के विस्तार से साहित्य नष्ट हो जाएगा ।
2.
जिसकी लिपियां स्वीकार करने से इंकार करता है इस दुनिया का समूचा सूचना संजाल
3.
यही वह सिद्धान्त था, जिसे उस आदमी ने दुनिया भर के सूचना संजाल के द्वारा
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80 से 90 के दौर में बा$जार कन्ज्यूमरिज़्म एवं नये तकनीक के साथ नये सूचना संजाल इन्टरनेट बलवान हो रहा था।
5.
सूचना संजाल (टेलिविज़न कंप्यूटर, प्रिंट मीडिया आदि) से रिसती कुल सूचना का यह दायरा २ ०० ८ में ३.
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चलिये महाभारत काल की कुंती और कर्ण को यही पर छोड़ देते हैं और बात करते हैं आज के सूचना संजाल के दौर की।
7.
वह भाषा जिसमें सिर्फ कूल्हे मटकाने और स्त्रियों को अपनी छाती हिलाने की छूट है जिसकी लिपियाँ स्वीकार करने से इनकार करता है इस दुनिया का समूचा सूचना संजाल
8.
उसकी चाहत अधिक से अधिक सहअस्तित्व की है कि सूचना संजाल के समानांतर उसका अपना जो अभ्यास है उसकी भी गरिमा, सौंदर्य एवं शक्ति को कमतर न आंका जाये।
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उसकी चाहत अधिक से अधिक सहअस्तित्व की है कि सूचना संजाल के समानांतर उसका अपना जो अभ्यास है उसकी भी गरिमा, सौंदर्य एवं शक्ति को कमतर न आंका जाये।
10.
सूचना संजाल (टेलिविज़न कंप्यूटर,प्रिंट मीडिया आदि)से रिसती कुल सूचना का यह दायरा २००८ में ३.६ जेतता-बाइट्स (वन जेड इ टी टी ऐ-बाइट्स =वन बिलियन गीगा बाइट्स)।